21 जून को योग के दौरान ऊँ मंत्र का जाप जरूरी होगा



यो‍ग दिवस को लेकर आयुष मंत्रालय के नए फरमान से विवाद बढ़ सकता है. मंत्रालय ने आदेश दिए हैं कि 21 जून को योग के दौरान ऊँ मंत्र का जाप जरूरी होगा.

सूत्रों की मानें तो आयुष मंत्रालय ने इस बाबत पूरी तैयारी कर ली है. बताया जाता है कि 21 जून को योग के दौरान ऊँ मंत्र का जाप हर भाग लेने वाले के लिए जरूरी होगा.

मालूम हो कि पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था. इसकी पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी.

ये होगा कार्यक्रम
आयुष मंत्रालय की प्रेस रिलीज के मुताबिक, योग दिवस पर कुल 45 मिनट का कार्यक्रम होगा. इसमें 6 मिनट गर्दन और कंधे से जुड़े आसन होंगे. दो मिनट प्रार्थना होगी और इसके बाद 23 योग आसन किए जाएंगे.

हर चीज पर राजनीति न करें: खेर

फिल्म अभ‍िनेता अनुपम खेर ने सरकार के इस फैसले का खुलकर समर्थन किया है. उन्होंने कहा, 'जो ऊं का उच्चारण नहीं करना चाहते, वो कुछ और बोल लें. कुछ लोग हर चीज का राजनीतिकरण करना चाहते हैं.'

ये फैसला हमारी आस्था के ख‍िलाफ: मुस्लिम धर्मगुरु
कोलकाता के मुस्लिम धर्मगुरु शफीक काजी ने कहा कि ये फैसला धर्मनिरपेक्षता के ख‍िलाफ है. उन्होंने कहा, ये सत्ता का गलत इस्तेमाल है, जो हमारी आस्था के ख‍िलाफ है. ये देश के सभी लोगों की आस्था एक छतरी के नीचे लाने की प्लानिंग है.

नागराज-सुनिता यांचा काडीमोड कायदेशीरच, वाचा किती दिली होती पोटगी

पुणे - दिग्दर्शक नागराज मंजुळे सध्या 'सैराट' या सिनेमामुळे प्रसिद्धीझोतात आहेत. मात्र शुक्रवारी त्यांच्या खासगी आयुष्यातील घटना पुढे आल्याने सर्वत्र खळबळ उडाली. नागराज मंजुळे यांनी आपल्या पत्नीला घरातून हाकलून दिले असून तिच्यावर धुणे-भांडी करण्याची वेळ आल्याचे वृत्त होते. मात्र नागराज मंजुळेंच्या वैवाहिक जीवनाबद्दल उलट-सुलट चर्चा सुरु झाल्यानंतर अॅडव्होकेट विकास शिंदे यांनी या प्रकरणातील कायदेशीर बाजू मांडली आहे.

''नागराज मंजुळे आणि सुनिता मंजुळे यांचा पुण्यातील न्यायालयात १० नोव्हेंबर २०१४ रोजी दोघांच्या सहमतीने घटस्फोट झालेला आहे. त्यामध्ये नागराज यांनी सुनिता यांना कायमस्वरुपी पोटगी म्हणून सात लाख रुपये दिलेले आहेत. त्यामुळे या दोघांचे नवरा-बायकोचे नाते कायद्याने संपु्ष्टात आलेले आहे. सुनिता करीत असलेल्या आरोपांमध्ये कोणतेही तथ्य नाही. नागराज यांना विनाकारण बदनाम करण्यात येत आहे,'', असे प्रसिद्धीपत्रकात सांगण्यात आले आहे.

Alternate option for currency Bitcoin

करेंसी का वर्चुअल विकल्प!




करेंसी का वर्चुअल विकल्प 'बिटक्वाइन' एक बार फिर खबरों में है. पिछले करीब सात सालों से दुनियाभर में प्रचलित 'बिटक्वाइन' का निर्माता एक गुमनाम व्यक्ति सातोशी नाकामोतो को माना जाता था. लेकिन, पिछले सप्ताह इस मामले में नया मोड़ आया, जब आस्ट्रेलिया के एक तकनीकी कारोबारी क्रेग राइट ने दावा किया है कि डिजिटल कैश सिस्टम के तौर पर बिटक्वाइन को उसी ने बनाया था.

क्रेग राइट ने अपनी पहचान का खुलासा तीन मीडिया हाउसों- बीबीसी, द इकानॉमिस्ट और जीक्यू- के समक्ष किया है. राइट ने कहा है कि वही सातोशी नाकामोतो हैं और 2009 में उन्होंने ही इस करेंसी को लॉन्च किया था. शुरू में अपनी पहचान छिपाने को लेकर क्रेग ने कहा है कि बिटक्वाइन से संबंधित किसी भी तरह की नकारात्मक धारणा को खत्म करने के लिए उन्होंने ऐसा किया है.

बिटक्वाइन फाउंडेशन के संस्थापक निदेशकों में शामिल जॉन मैटोनिस ने भी क्रेग के दावे का समर्थन किया है. क्या है बिटक्वाइन, कैसे होता है इसका कारोबार, क्या है इसकी वैधता की स्थिति, इसका मौजूदा परिदृश्य और भविष्य की संभावनाएं, आदि के बारे में बता रहा है आज का 'साइंस टेक्नोलॉजी' पेज...

बिटक्वाइन' असल में वित्तीय लेन-देन का एक वर्चुअल माध्यम है, जिसका प्रयोग इंटरनेट की दुनिया में यानी वेबसाइट के माध्यम से होता है. मुद्रास्फीति, ब्याज दर और बाजार के उतार-चढ़ाव का इस करेंसी पर असर नहीं होता है. दुनियाभर में अब यह 'क्रिप्टोकरेंसी' का एक प्रचलित माध्यम है. इसके वितरण की अधिकतम संख्या 210 लाख तक रखी गयी है और इसकी कीमत वितरण में आयी बिटक्वाइन की संख्या से तय होती है. मौजूदा समय में प्रत्येक 10 मिनट में 25 बिटक्वाइन का निर्माण किया जाता है, लेकिन आगामी जुलाई में यह संख्या 12.5 तक सिमट सकती है, यानी प्रत्येक 10 मिनट में बिटक्वाइन निर्माण की संख्या मौजूदा समय के मुकाबले आधी हो सकती है.

क्यों कम हो रही है रफ्तार?

'द फ्लीट स्ट्रीट लेटर' नामक न्यूजलेटर के इन्वेस्टमेंट डायरेक्टर चार्ली मॉरिस के हवाले से 'मनी वीक' की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 'बिटक्वाइन' के निर्माण में कई जरूरी फैक्टर्स का ध्यान रखा जाता है. उन्होंने यह आशंका जतायी है कि अगले चार वर्षों में प्रत्येक दस मिनट में इसके निर्माण की संख्या इससे भी आधी हो सकती है. मौजूदा समय में करीब 155 लाख बिटक्वाइन हैं और इसके निर्माण के लिए तय किये गये नियमों के मुताबिक 210 लाख से ज्यादा संख्या में इसे नहीं बनाया जा सकता है. इसकी सीमित सप्लाई एक पावरफुल फोर्स है और इसी सीमा के कारण दुनियाभर में यह लोकप्रिय भी हुआ है.

क्रिप्टोकरेंसी आखिर है क्या?

क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल करेंसी कहा जा सकता है. 'क्रिप्टाेक्वाइन्स न्यूज' के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी सामान्य मुद्रा की तरह ही एक्सचेंज का एक माध्यम है, लेकिन इस मुद्रा का डिजाइन वर्चुअल तरीके से किया जाता है, न कि भौतिक रूप से. डिजिटल माध्यम से विनिमय के मकसद से इसे क्रिप्टोग्राफी के कुछ तय सिद्धांतों के अनुरूप डिजाइन किया जाता है. क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल ट्रांजेक्शन को सुरक्षित बनाये रखने और नये क्वाइन्स के निर्माण को नियंत्रित रखने में किया जाता है. क्रिप्टोकरेंसी के रूप में पहली बार 2009 में बिटक्वाइन की रचना की गयी थी, लेकिन मौजूदा समय में और भी कई ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज हैं, जिन्हें अल्टक्वाइन्स के नाम से जाना जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास

सबसे पहला क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन है. इसके डिजाइन में 'एसएचए- 256' का इस्तेमाल किया गया है, जो अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा डिजाइन किया गया क्रिप्टोग्राफिक हैश फंक्शंस का एक सेट है. 2011 में लिटक्वाइन जारी किया गया था, जिसे ऐसा पहला सफल क्रिप्टोकरेंसी बताया गया है, जिसमें 'एसएचए- 256' के बजाय स्क्रिप्ट को हैश फंक्शंस के तौर पर शामिल किया गया था. 2013 में लिटक्वाइन ने मीडिया का ध्यान उस समय आकर्षित किया, जब बाजार में इसकी कीमत एक अरब डॉलर को पार कर गयी़

क्या भारत में वैध है बिटक्वाइन?

बिटक्वाइन का भुगतान करनेवालों के गुमनाम होने के कारण कई देशों में इसका इस्तेमाल अवैध माना जाता है. हालांकि बिटक्वाइन की वैधता की स्थिति अलग-अलग देशों में भिन्न-भिन्न है.

जहां तक भारत की बात है, तो यहां रिजर्व बैंक ने इसे अब तक रेगुलेट नहीं किया है और इस्तेमालकर्ताओं को बेहद सतर्कता से काम करने को कहा है. वर्ष 2013 के बाद भारत में भी इसके इस्तेमाल की खबरें आयीं हैं. अहमदाबाद और बेंगलुरु की कई फर्मों ने इनका इस्तेमाल शुरू किया. इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने 'फेमा' यानी विदेशी विनिमय प्रबंधन एक्ट के तहत इसमें गड़बड़ी पाये जाने पर रोक लगा दी. पिछले वर्ष जांच के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने यह कहा कि भारत में बिटक्वाइन का ट्रांजेक्शन आतंकियों को फंडिंग मुहैया कराने, सट्टेबाजी और हवाला कारोबार को बढ़ावा दे सकता है. दिसंबर, 2013 में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के सी चक्रवर्ती ने एक बयान में कहा था कि बिटक्वाइन को रेगुलेट करने की रिजर्व बैंक की कोई योजना नहीं है.

हालांकि 'क्रिप्टाेक्वाइन्स न्यूज' के मुताबिक, भारत में यह प्रतिबंधित है. इस वेबसाइट ने उन देशों कीसूची प्रकाशित की है, जहां यह प्रतिबंधित है और इसमें भारत का नाम भी शामिल है. वहीं दूसरी ओर, भारत में बिटक्वाइन एक्सचेंज के सबसे लोकप्रिय वेबसाइट 'जेबपे डॉट कॉम' के सह-संस्थापक संदीप गाेयनका का कहना है कि भारत में यह पूरी तरह से अवैध नहीं है.

इसकी वैधता को दर्शाने के लिए उन्होंने एक लॉ फर्म नीशीथ देसाई एसोसिएट्स द्वारा जारी एक 'व्हाइट पेपर' का हवाला दिया है. उनका कहना है कि भारत में किसी भी मौजूदा कानून के मुताबिक बिटक्वाइन अवैध नहीं है. साथ ही उन्होंने सेंटर फॉर इंटरनेट एंड साेसायटी, इंडिया द्वारा पोस्ट किये गये एक लेख का भी हवाला दिया है, जिसमें इसका समर्थन किया गया है.

क्या भारत में इसका इस्तेमाल होता है?

हालांकि, भारत में इसका इस्तेमाल करनेवालों की संख्या बेहद कम है, लेकिन ऐसे बहुत से पोर्टल हैं, जहां इनका कारोबार होता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध होने के बावजूद सरकारी करों से बचने के लिए विदेशी लेन-देन में बहुत लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. भारत में कई वेंडर्स इसे स्वीकार करते हैं. विदेश में मौजूद वेंडरों को भारत से बिटक्वाइन भेजे जाने के भी अनेक मामले सामने आये हैं. कुछ भारतीय स्टार्टअप्स ने बिटक्वाइन वॉलेट सर्विस की शुरुआत भी की है. भारत में सबसे पहले 'बीटीसी एक्सइंडिया' ने इसकी शुरुआत की थी. हैदराबाद की इस फर्म ने रीयल-टाइम के आधार पर बिटक्वाइन एक्सचेंज की सेवा शुरू की थी.

'बिजनेस टुडे' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अहमदाबाद के एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने डिजिटल करेंसी के तौर पर इसकी शुरुआत की. कमीशन के तौर पर वे कुछ रकम भी लेते थे. बाद में उसने इस काम के लिए 'बाइसेलबिटको डॉट इन' के रूप में बाकायदा एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया.

यह भी जानें

बिटक्वाइन का वर्तमान और भविष्य

लो गों ने इंटरनेट का इस्तेमाल इसलिए शुरू किया, क्योंकि इसने दुनियाभर में सीमारहित, तेज और सस्ती सूचना और संचार मुहैया कराना शुरू किया था. इसी तरह बिटक्वाइन दुनियाभर में सीमारहित, तेज और सस्ती वित्तीय लेन-देन सेवा का विकल्प बन कर उभरी है. वर्ष 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद दुनियाभर में लोगाें ने मौजूदा वित्तीय व्यवस्था की कमजोरी को समझा था. लैटीन अमेरिका और रूस समेत अनेक देशों के केंद्रीय बैंक शून्य ब्याज दर से संचालित हो रहे हैं.

ऐसे में बिटक्वाइन ने नयी वित्तीय दुनिया को एक नया विजन दिया. कर्ज के बोझ से दबे देशों की पर्चेजिंग पावर में एकाएक कमी आने और उससे किसी संभावित नुकसान से संरक्षणहासिल के प्रति ऐसे देशों में बिटक्वाइन की खरीदारी ने आम लोगों में भरोसा पैदा किया है. पश्चिमी देशों का मौजूदा वित्तीय ढांचा बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनियों पर आधारित है. भारत में भी यही प्रवृत्ति विस्तार ले रही है.

हालांकि, सरकार की अनेक कोशिशों के बावजूद भारत में अब भी एक बड़ी आबादी बैंक और क्रेडिट या डेबिट कार्ड के दायरे से बाहर है. ऐसे में जिस तरह से मोबाइल फोन ने करोड़ों लैंडलाइन सिस्टम को खत्म कर दिया, उसी तरह से भारत में नयी पीढ़ी के लोग भविष्य में वित्तीय ढांचे के तौर पर बिटक्वाइन को स्थापित कर सकते हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीकी रूप से सक्षम होने के बाद इंटरनेट की तरह ही बिटक्वाइन आधारित वित्तीय ढांचा तैयार हो सकता है, जो दुनिया में एक नयी क्रांति ला सकता है. इंटरनेट की तरह ही बिटक्वाइन तक कोई भी फ्री में पहुंच हासिल कर सकता है और इसका नेटवर्क पूरी तरह से विकेंद्रीकृत होगा. साथ ही बिटक्वाइन का नेटवर्क सबसे तेज, सस्ता और आसान होगा, जिससे किसी भी व्यक्ति को आसानी से रकम भेजी जा सकेगी.

हालांकि, भारत समेत दुनिया के अनेक देशों में फिलहाल इसके इस्तेमाल पर कानूनी पाबंदी है, लेकिन देश में अनेक ऐसे कारोबारी फर्म हैं, जिनके माध्यम से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.

ब्रिटेन और सिंगापुर जैसी प्रोग्रेसिव सरकारों ने अपने-अपने देशों में इसके इस्तेमाल की मंजूरी दे रखी है. इतना ही नहीं, इन देशों ने इस मुद्रा के व्यापक प्रसार के लिए तमाम कंपनियों को समुचित माहौल मुहैया कराने का भरोसा भी दिया है.

भविष्य में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ने के बारे में 'न्यूजबीटीसी' की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि विकासशील देशों में रहनेवाले अरबों लोग भविष्य में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर इसमें बताया गया है कि अफ्रीका के दूरदराज इलाकों में रहनेवाले निवासी अपने कारोबार को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए बिटक्वाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं.

चूंकि इसकेे इस्तेमाल के लिए खास तकनीकी दक्षता और तकनीकी साधनों की दरकार नहीं होती, लिहाजा वे आसानी से भुगतान हासिल कर सकेंगे.

50,000 बिटक्वाइन वॉलेट बन चुके हैं भारत में ट्रैक डॉट इन की रिपोर्ट के मुताबिक, बिटक्वाइन के वैश्विक कारोबार में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. दिसंबर, 2015 में इसका कारोबार प्रति माह 35 अरब डॉलर तक था. रिपोर्ट के मुताबिक, डेल, एक्सपीडिया, ओवरस्टॉक और जापान की इ-कॉमर्स कंपनी रकुटेन समेत ऐसी अनेक बड़ी कंपनियां हैं, जिन्होंने अपने वेबसाइट पर बिटक्वाइन को स्वीकार करना शुरू कर दिया है.

भारत में भले ही इसके बढ़ने की गति धीमी है, लेकिन लोगों में इसके प्रति जागरुकता तेजी से बढ़ रही है. भारत में सालाना इसका कारोबार 500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. भारत में करीब 50,000 बिटक्वाइन वॉलेट बन चुके हैं और रोजाना करीब 700 से 800 तक बिटक्वाइन का कारोबार होता है. रिपोर्ट के मुताबिक, पाबंदी के बावजूद चीन में भी इसका इस्तेमाल व्यापक पैमाने पर होता है.

क्या बिटक्वाइन वहनीय मुद्रा का स्वरूप ले सकती है?

इसमें भरोसा जताने वालों का मानना है कि सरकारी नियंत्रण से मुक्त यह डिजिटल करेंसी आज की तारीख में वित्तीय लेन-देन में एक बड़े खिलाड़ी की भूमिका में आ चुका है. उनका मानना है कि मौजूदा मुद्रा प्रणाली को यह रिप्लेस कर सकती है. खासकर अस्थिर सरकारों और अर्थव्यवस्था वाले देशों में यह वर्चुअल करेंसी लोगों के बीच प्रभावी भूमिका निभा सकती है. यही कारण है कि अनेक देशों की सरकारें इसे रेगुलेट करने के रास्ते

तलाश रही है.

Railway accident compensation is four lacs rupees

रेलवे दुर्घटना में मौत होने पर मिलेगी चार लाख का मुआवजा

यदि रेलवे दुर्घटना में किसी भी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसको चार लाख का मुआवजा देने का प्रावधान है। इतना ही नहीं व्यक्ति के के हाथ या पैर की चार अंगूली कट जाने पर रेलवे बोर्ड दो लाख रुपये का मुआवजा देता है, क्योंकि इसका खुलासा आरटीआई में हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता ने रेलवे विभाग के डीसीसीएम से आरटीआई के तहत सूचना मांगी थी, जिसमें यह सभी बाते बताई गई।बहुत कम लोगों को पता है कि रेलवे विभाग किसी भी दुर्घटना होने पर मुआवजा देता है। आरटीआई कार्यकर्ता एवं एडवोकेट पवन तिवारी ने रेलवे विभाग के डीसीसीएम आलोक चतुर्वेदी से दुर्घटना होने पर पीड़ित व्यक्ति को शरीर का कौन सा अंग खराब होने पर कितना मुआवजा मिलता है और मौत होने पर कितना मुआवजा रेलवे बोर्ड दिया जाता है। आरटीआई के तहत मिली सूचना में पवन तिवारी ने बताया कि रेलवे दुर्घटना में मौत होने पर मृतक के परिजनों को चार लाख का मुआवजा, शरीर के हाथ या पैर की चार अंगूली कट जाने पर दो लाख रुपये, हाथ व पैर की क्षति होने पर चार लाख, अंगूठा कट जाने पर एक लाख बीस हजार, एक आंख की क्षति होने पर एक लाख साठ हजार देने का प्रावधान है और पीड़ित व्यक्ति को बोर्ड में अपना शपथ लगाने पर मुआवजा मिल जाएगा। आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि आम लोगों को इसकी जानकारी नहीं होने के कारण मुआवजा नहीं मिल पाता है, जिससे वह वंचित रह जाते है। इसलिए रेलवे दुर्घटना के पीड़ित को मुआवजा के लिए रेलवे बोर्ड में अपना पत्र लगाकर मुआवजे की मांग करनी चाहिए।

Railway accident compensation of four million will be

If any person is killed in a railway accident, then he is a provision for a compensation of four million. Not only the person's hand or foot cut off four fingers of Railway Board allows compensation of Rs two lakh, the RTI has revealed. RTI activist had sought information under RTI Disisim Railways, which few people know all the things mentioned Gikbhut Railways pays any compensation for accidents.thumb cut a hundred and twenty thousand, one hundred sixty thousand are injured an eye, and a provision for victim compensation board will put their oath. The activist said that the common people have no access to information due to the compensation to which he is missed. Therefore, compensation for victims of the train accident, Railway Board by your letter should demand compensation.

Railway durghatana mein maut hone par milegee chaar laakh ka muaavaja

yadi Railway durghatana mein kisee bhee vyakti kee maut ho jaatee hai to usako chaar laakh ka muaavaja dene ka praavadhaan hai. itana hee nahin vyakti ke ke haath ya pair kee chaar angoolee kat jaane par relave bord do laakh rupaye ka muaavaja deta hai, kyonki isaka khulaasa aarateeaee mein hua hai. aarateeaee kaaryakarta ne relave vibhaag ke deeseeseeem se RTI ke tahat soochana maangee thee, jisamen yah sabhee baate bataee gaee.bahut kam logon ko pata hai ki relave vibhaag kisee bhee durghatana hone par muaavaja deta hai. aarateeaee kaaryakarta evan edavoket pavan tivaaree ne relave vibhaag ke deeseeseeem aalok chaturvedee se durghatana hone par peedit vyakti ko shareer ka kaun sa ang kharaab hone par kitana muaavaja milata hai aur maut hone par kitana muaavaja relave bord diya jaata hai. aarateeaee ke tahat milee soochana mein pavan tivaaree ne bataaya ki relave durghatana mein maut hone par mrtak ke parijanon ko chaar laakh ka muaavaja, shareer ke haath ya pair kee chaar angoolee kat jaane par do laakh rupaye, haath va pair kee kshati hone par chaar laakh, angootha kat jaane par ek laakh bees hajaar, ek aankh kee kshati hone par ek laakh saath hajaar dene ka praavadhaan hai aur peedit vyakti ko bord mein apana shapath lagaane par muaavaja mil jaega. aarateeaee kaaryakarta ne kaha ki aam logon ko isakee jaanakaaree nahin hone ke kaaran muaavaja nahin mil paata hai, jisase vah vanchit rah

Have you seen ever at Obama, Modi and Putin's wrist?

आपने कभी ओबामा,मोदी और पुतिन की कलाई पर नजर डाली है?


दुनिया के प्रभावशाली लोग अपने स्‍टाइल को लेकर चर्चा में रहते हैं। लेकिन दुनिया के बड़े नेता अपनी कलाई में बांधे जाने वाली महंगी और लग्‍जरी घडि़यों के शौकीन हैं। महंगी और लग्‍जरी घडि़यों का शौक कोई नई बात नहीं है। लेकिन मजे की बात यह है कि अमेरिका

के राष्‍ट्रपति बराक ओबामा से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी भी इस 'शो ऑफ' के रोग से बचे नहीं हैं।

आइए डालते हैं एक नजर, देश और दुनिया के ऐसे ही नेताओं की कलाई पर-

अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा पिछले पंद्रह सालों से मशहूर घड़ी Tag Heuer का एक्‍वारेसर अपनी कलाई पर बांधते हैं। इस विंटेज वॉच की कीमत 15,600 डॉलर यानी करीब 10 लाख 45 हजार रुपये है। खबर मिली हैं कि बराक ओबामा के 45वें जन्‍मदिन पर सीक्रेट सर्विस एजेंट्स ने उन्‍हें काले डायल वाली जॉर्ज ग्रे क्रोनोग्राफ गिफ्ट की थी। जब कभी ओबामा कलाई पर कुछ स्‍पोर्टी बांधना चाहते हैं तो Highgear का इंड्यूरो कंपास डिजिटल वॉच उनकी पहली पसंद है।

पीएम नरेंद्र मोदी भी महंगी और लग्‍जरी घडि़यों के शौकीन

देश के लोकप्रिय पीएम मोदी ने जब सत्‍ता संभाली थी तभी मोदी जैकेट फैशन में आ गयी है। लेकिन पीएम मोदी न सिर्फ अपनी ड्रेस बल्‍कि‍ अपनी घड़ी को लेकर भी काफी सजग रहते हैं। जब उनकी बायोग्राफी आई थी तब इस बात का खुलासा हुआ था कि पीएम मोदी को Movado घड़ि‍यों का कलेक्‍शन पसंद हैं। Movado घड़ि‍यां स्‍वि‍स लग्‍जरी वॉच कंपनी है। मोवाडो ग्रुप 1983 में लॉन्‍च हुई थी। यह कंपनी Movado, Ebel, Concord, ESQ, Coach, Hugo Boss, Lacoste, Juicy Couture और Tommy Hilfiger के नाम से घडि़यां बनाती है।

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ

पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी घड़ि‍यों के काफी शौकीन हैं। वह हैरी विंसटन की 10 लाख 58 हजार रुपये कीमत की लग्‍जरी घड़ी कलाई पर बांधते हैं, जिसकी पाकिस्‍तान में कीमत करीब 16 लाख 68 हजार पाकिस्‍तानी करेंसी है।

रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन

रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन लग्‍जरी घडि़यों के असली शौकीन हैं। आपको जानकर आश्‍चर्य होगा कि रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन के पास खूबसूरत घड़ि‍यों के कलेक्‍शन की लागत करीब 7 लाख डॉलर यानी 4 करोड़ 68 लाख रुपये से भी अधि‍क है। यही नहीं, इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी न सिर्फ लग्‍जरी घड़ि‍यों के शौकीन रहे हैं बल्‍कि लोगों को देने के लिए घड़ी उनका सबसे पसंदीदा गिफ्ट आइटम भी है।

रूसी प्रधानमंत्री दमित्री मेदवेदेव

रूसी राष्‍ट्रपति की तरह ही वहां के प्रधानमंत्री मेदवेदेव भी लग्‍जरी घड़ियों के शौकीन हैं। वह आम तौर पर Franck Muller सिंट्री कर्वेक्‍स रिवॉल्‍यूशन टूरबिलियन वॉच पहनते हैं।

फ्रांस के राष्‍ट्रपति फ्रांस्‍वा ओलांद भी हैं संजीदा

फ्रांस के राष्‍ट्रपति ओलांद भी अपनी कलाई को लेकर काफी संजीदा हैं। वह Swatch Quarterman की घड़ी पसंद करते हैं।

इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्‍वियो बर्लुस्‍कोनी

इस सूची इटली के पूर्व प्रधानमंत्री बर्लुस्‍कोनी के बिना अधूरी है। वह आम तौर पर Vacheron Constantin की घड़ी पहनते थे, जिसकी कीमत 5,40,000 डॉलर यानी करीब तीन करोड़ 61 लाख रुपये है।

फ्रांस के पूर्व राष्‍ट्रपति निकोलस सरकोजी भी बड़े शौकीन

फ्रांस के पूर्व राष्‍ट्रपति निकोलस सरकोजी रोलेक्‍स से लेकर ब्रेटलिंग जैसी महंगी घडि़यों के शौकीन हैं। 2008 में उन्‍हें उनकी पत्‍नी (तब मंगेतर) ने 70,000 डॉलर कीमत की Patek Philippe घड़ी गिफ्ट की थी। सरकोजी आम तौर पर व्‍हाइट गोल्‍ड की बनी यही घड़ी पहनते हैं। भारतीय रुपये में इसकी कीमत 48 लाख रुपये से अधिक है।

मिट रोमनी

अमेरिकी राष्‍ट्रपति पद के लिए रोमनी ने खूब दौड़ लगाई।भले ही वह इसमें सफलता नहीं हासिल कर सके, लेकिन उनकी घड़ी पर कई लोगों की निगाह गई। ओबामा और उनमें विचारों को लेकर भले ही मतभेद दिखे हों, लेकिन घड़ी के मामले में दोनों की पसंद एक जैसी है। मिट रोमनी भी Tag Heuer की लिंक क्रोनोग्राफ घड़ी पसंद करते हैं। बाजार में इसकी कीमत 3,500 अमेरिकी डॉलर यानी 2 लाख 34 हजार रुपये है।

पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति बिल क्‍लिंटन

पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति बिल क्‍लिंटन जब तक व्‍हाइट हाउस में रहे, उन्‍हें प्‍लास्‍ट‍िक का टाइमेक्‍स आयरनमैन वॉच पहने देखा जाता था। लेकिन राष्‍ट्रपति भवन छोड़ने के बाद भी वे महंगी और लग्‍जरी घडि़यों के शौकीन रहे। उनके पास कम से कम तीन Kobolds है, जिसकी कीमत 2850 डॉलर से शुरू होती है। उनके पास एक Cartier Santos-Dumont है, जिसकी कीमत 12,600 डॉलर है। इसके अलावा उन्‍हें Panerai Luminor और Roger Dubuis पहने भी देखा गया है।

Ever Obama, he and Putin looked at the wrist?





Influential people in the world live in style discussed. But leaders of the world to be tied to your wrist fond of expensive and luxury watches. Fond of expensive and luxury watches is not new. But the interesting thing is that the US


President Barack Obama, Prime Minister Narendra Modi from the 'show-off' are no longer with the disease.


Let us take a look, just like the country and the world leaders on the wrist


US President Barack Obama in the last fifteen years, the famous Akwaresr Tag Heuer watch on your wrist tie. Watch this vintage price of $ 15,600 is nearly Rs 10 lakh 45 thousand. Received the news that Barack Obama's 45th birthday with Secret Service agents by George Gray Kronograf Black was a gift. If Obama wants to tie on the wrist when a sporty digital watch compass Induro got his first taste of Highgear.


Prime Minister Narendra Modi also fond of expensive and luxury watches


Modi assumed power after the popular country when he has come into fashion jacket. But the Prime Minister not only dress, but also careful to take your watch. Then came his biography was revealed that the Prime Minister would like a collection of Movado watches. Swiss luxury watch company Movado watches. Movado Group was launched in 1983. The company Movado, Ebel, Concord, ESQ, Coach, Hugo Boss, Lacoste, Juicy Couture and Tommy Hilfiger watches in the name of service.


Pakistan Prime Minister Nawaz Sharif


Pakistani Prime Minister Nawaz Sharif also quite fond of watches. 10 lakh 58 thousand worth of Harry Winston luxury watch strapped on the wrist, which in Pakistan is Rs 16 lakh 68 thousand Pakistani currency.


Russian President Vladimir Putin


Russian President Putin's real fond of luxury watches. You'll be surprised to know that Russian President Putin's collection of beautiful watches cost around $ 7 million, or more than 4 crore 68 lakh. Moreover, Italy's former Prime Minister Silvio Berlusconi is fond of luxury watches that are not just for people but also watch his favorite gift item too.


Russian Prime Minister Dmitry Medvedev


Russian President Medvedev, like Prime Minister also are fond of luxury watches. He usually wear Franck Muller watch Sintry Krveks tourbillion Revolution.


French President Francois Hollande is also serious


French President Hollande on his wrists are quite serious. He prefers to watch Swatch Quarterman.


Italy's former Prime Minister Silvio Berlusconi


This list is incomplete without Italy's Prime Minister Berlusconi. He usually wore a Vacheron Constantin watch, priced at $ 540 000 million or about Rs 61 lakh.


French President Nicolas Sarkozy also large buff


Like former French President Nicolas Sarkozy Bretling expensive watches from Rolex are fond of. In 2008, he, his wife (then fiancee) worth $ 70,000 Patek Philippe watch was a gift. Sarkozy usually only wear the watch made of white gold. The Indian rupee is Rs 48 lakh.


Mitt Romney


Romney race for the US presidency Lgaikble plenty he could achieve without much success, but many people have their eyes on the clock. Obama and ideas about them, even if the differences were, but the clock is the same both in terms of choice. Mitt Romney of the Tag Heuer Link watch Kronograf prefer. The market price of US $ 3,500 or Rs 2 lakh 34 thousand.


Former US President Bill Clinton


Former US President Bill Clinton was in the White House, he was seen wearing plastic Timex Ironman watch. But after leaving the presidential palace, they are fond of expensive and luxury watches. They have at least three Kobolds, which cost starts at $ 2850. He is a Cartier Santos-Dumont, whose price is $ 12,600. Besides, they have also been spotted wearing a Panerai Luminor and Roger Dubuis.


aapane kabhee obaama,modee aur putin kee kalaee par najar daalee hai?





duniya ke prabhaavashaalee log apane s‍tail ko lekar charcha mein rahate hain. lekin duniya ke bade neta apanee kalaee mein baandhe jaane vaalee mahangee aur lag‍jaree ghadiyon ke shaukeen hain. mahangee aur lag‍jaree ghadiyon ka shauk koee naee baat nahin hai. lekin maje kee baat yah hai ki amerika


ke raash‍trapati baraak obaama se lekar peeem narendr modee bhee is sho oph ke rog se bache nahin hain.


aaie daalate hain ek najar, desh aur duniya ke aise hee netaon kee kalaee par-


amerikee raash‍trapati baraak obaama pichhale pandrah saalon se mashahoor ghadee tag haiuair ka ek‍vaaresar apanee kalaee par baandhate hain. is vintej voch kee keemat 15,600 dolar yaanee kareeb 10 laakh 45 hajaar rupaye hai. khabar milee hain ki baraak obaama ke 45ven jan‍madin par seekret sarvis ejents ne un‍hen kaale daayal vaalee jorj gre kronograaph gipht kee thee. jab kabhee obaama kalaee par kuchh s‍portee baandhana chaahate hain to highgaiar ka indyooro kampaas dijital voch unakee pahalee pasand hai.


peeem narendr modee bhee mahangee aur lag‍jaree ghadiyon ke shaukeen


desh ke lokapriy peeem modee ne jab sat‍ta sambhaalee thee tabhee modee jaiket phaishan mein aa gayee hai. lekin peeem modee na sirph apanee dres bal‍ki‍ apanee ghadee ko lekar bhee kaaphee sajag rahate hain. jab unakee baayograaphee aaee thee tab is baat ka khulaasa hua tha ki peeem modee ko movado ghadi‍yon ka kalek‍shan pasand hain. movado ghadi‍yaan s‍vi‍sa lag‍jaree voch kampanee hai. movaado grup 1983 mein lon‍ch huee thee. yah kampanee movado, aibail, chonchord, aisq, choachh, hugo boss, lachostai, juichy chouturai aur tommy hilfigair ke naam se ghadiyaan banaatee hai.


paakis‍taan ke pradhaanamantree navaaj shareeph


paakis‍taanee pradhaanamantree navaaj shareeph bhee ghadi‍yon ke kaaphee shaukeen hain. vah hairee vinsatan kee 10 laakh 58 hajaar rupaye keemat kee lag‍jaree ghadee kalaee par baandhate hain, jisakee paakis‍taan mein keemat kareeb 16 laakh 68 hajaar paakis‍taanee karensee hai.


roosee raash‍trapati v‍laadimeer putin


roosee raash‍trapati putin lag‍jaree ghadiyon ke asalee shaukeen hain. aapako jaanakar aash‍chary hoga ki roosee raash‍trapati putin ke paas khoobasoorat ghadi‍yon ke kalek‍shan kee laagat kareeb 7 laakh dolar yaanee 4 karod 68 laakh rupaye se bhee adhi‍ka hai. yahee nahin, italee ke poorv pradhaanamantree silviyo barluskonee na sirph lag‍jaree ghadi‍yon ke shaukeen rahe hain bal‍ki logon ko dene ke lie ghadee unaka sabase pasandeeda gipht aaitam bhee hai.


roosee pradhaanamantree damitree medavedev


roosee raash‍trapati kee tarah hee vahaan ke pradhaanamantree medavedev bhee lag‍jaree ghadiyon ke shaukeen hain. vah aam taur par franchk mullair sintree karvek‍sa rivol‍yooshan toorabiliyan voch pahanate hain.


phraans ke raash‍trapati phraans‍va olaand bhee hain sanjeeda


phraans ke raash‍trapati olaand bhee apanee kalaee ko lekar kaaphee sanjeeda hain. vah swatchh quartairman kee ghadee pasand karate hain.


italee ke poorv pradhaanamantree sil‍viyo barlus‍konee


is soochee italee ke poorv pradhaanamantree barlus‍konee ke bina adhooree hai. vah aam taur par vachhairon chonstantin kee ghadee pahanate the, jisakee keemat 5,40,000 dolar yaanee kareeb teen karod 61 laakh rupaye hai.


phraans ke poorv raash‍trapati nikolas sarakojee bhee bade shaukeen


phraans ke poorv raash‍trapati nikolas sarakojee rolek‍sa se lekar bretaling jaisee mahangee ghadiyon ke shaukeen hain. 2008 mein un‍hen unakee pat‍nee (tab mangetar) ne 70,000 dolar keemat kee pataik philippai ghadee gipht kee thee. sarakojee aam taur par v‍hait gol‍da kee banee yahee ghadee pahanate hain. bhaarateey rupaye mein isakee keemat 48 laakh rupaye se adhik hai.


mit romanee


amerikee raash‍trapati pad ke lie romanee ne khoob daud lagaee.bhale hee vah isamen saphalata nahin haasil kar sake, lekin unakee ghadee par kaee logon kee nigaah gaee. obaama aur unamen vichaaron ko lekar bhale hee matabhed dikhe hon, lekin ghadee ke maamale mein donon kee pasand ek jaisee hai. mit romanee bhee tag haiuair kee link kronograaph ghadee pasand karate hain. baajaar mein isakee keemat 3,500 amerikee dolar yaanee 2 laakh 34 hajaar rupaye hai.


poorv amerikee raash‍trapati bil k‍lintan


poorv amerikee raash‍trapati bil k‍lintan jab tak v‍hait haus mein rahe, un‍hen p‍laas‍ta‍ik ka taimek‍sa aayaranamain voch pahane dekha jaata tha. lekin raash‍trapati bhavan chhodane ke baad bhee ve mahangee aur lag‍jaree ghadiyon ke shaukeen rahe. unake paas kam se kam teen kobolds hai, jisakee keemat 2850 dolar se shuroo hotee hai. unake paas ek chartiair santos-dumont hai, jisakee keemat 12,600 dolar hai. isake alaava un‍hen panairai luminor aur rogair dubuis pahane bhee dekha gaya hai.

DIGITAL PRINTS ARE BACK IN VOGUE WITH A FUSION TWIST




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Go casual, ethnic and stylish with the lat est collection from Fusion Beats. This summer season, team up vibrant colours and unique prints with that irrepress ible attitude. Inspired by authentic tile motifs, sketchy florals and stripes and geometric, the collection celebrates the gypsy in every woman with a palette of gorgeous hues that reflect their free spirit. The cross stitch floral prints effortless ly fuse the urban with the traditional, the western with the Indian, and add a refresh ing and fun spark for women who want to look in and yet stand out in these high summer trends. Pull in long column kur tas with high slits teamed with wide-legged palazzos with lace details or wrap palazzos and accessorise with élan for an irresistible you.Fusion Beats infuses a style that is personal, original and unconventional with printed coordinates that add character and creativity to outfits you will love to flaunt. The advanced technology of digital prints, tie-dye and ombre bring alive exciting designs using soft fabrics that capture your beauty and ensure you are the centre of attention whether at brunches, dates, hi-teas, shopping or movies.
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